Friday, February 10, 2012

वोटर की दास्ताँ..


अजी.. आजकल हमको भी सब नमस्कार करने लगे है,
वक्त का क्या कहे, लोग अंगूठी को कमर में पहनने लगे है..
लोग भलाई में बुराई ढूंढने लगे है,
नेता के ऊपर कुर्सी बैठाने लगे है..
ऐसे में एक दिन एक जनाब ने दरवाजा खटखटाया,
मैंने पूछा कौन है आया..?
वो बोला, 
साहेब आपका साथ चाहिए..
इलेक्शन में खड़ा हूँ, सर पे आपका हाथ चाहिए..
मैं हैरान-परेशान, दरवाजा खोला, 
4 इंच की मुस्कान लिए था कंधे पर झोला,  
वो सज्जन आदमी हाथ जोड़ के बोला..
सर जी आपका वोट चाहिए,
मैंने कहा भाई बाद में आ जाइये..
वो 500 का नोट निकाल के बोला साहेब वोट चाहिए..
मैं बोला किराने की दूकान नहीं है, जो नोट के बदले कुछ दूंगा..    
menifesto दिखा, फिर सोच के वोट दूंगा..
ये सुन वो कुटिल सी हंसी देकर बोलने लगा,
मैं ये करा दूंगा, मैं वो करा दूंगा..
दुनिया को इधर से उधर कर दूंगा..
अचानक उसे क्या सूझा,
वो सीधे वर्तमान को इतिहास में ले घुसा.. 
याद है हम फलाना प्रोफेसर की क्लास में 
आगे पीछे बैठा करते थे,
उन दिनों हम लंगोटिया यार हुआ करते थे..
मेरी आँखे जैसे पृथ्वी अपने अक्ष पे घुमती हो
इतनी जोर से घुमने लगी,
मैं सोचू गाडी कब से गधे को खींचने लगी..
मेरी शकल देख उसे समझ में आने लगा,
कि एक और मरीज़ उसके वश में आने लगा..  
फिर वो जाते जाते बोला, क्या साहेब, अब तो वोट दोगे?
अब वोट देने का क्या लोगे..
जैसे ही हाँ बोला वो बिना मुड़े चलने लगा,
मानो ज्वालामुखी से ice-cream निकलने लगा.. 
मेरे अन्दर आते ही पडोसी का दरवाजा बजा
उसकी बीवी चिल्लाई क्या चाहिए..
दूसरी आवाज़ आयी.. मेडम वोट चाहिए..!!

Friday, February 3, 2012

पणिहारी..




मटका
सर पे लादे वो,
निकली पानी भरने को..
कभी
नाक की बाली,
कभी बालों की लट,
हंसी ठिठोली करती 
उकसाती उसे चलने को..!! 
शैतान घड़ा
करे परेशान बड़ा,
छलक-छलक के,
ढूलक-ढूलक के,
उसे नहलाने को आतुर 
पानी के छींटो से..!!
रंग-बिरंगी इडूणी,
पानी से
झर-झर करती,
जैसे
बारिश की बूंदे,
टप-टप, टप-टप,
टप-टप करती..!!
पानी के रेले
चेहरे से झरते,
ओढ़नी को उसकी,
जैसे  
बादल समझ बैठे..
हैरान सी वो 
बेहाल सी वो
मगर फिर भी 
वो मटकाती
वो मुस्काती
बस नैनों से 
कुछ कह जाती..!!