Tuesday, November 1, 2011

पुकार..


देश की आवाज़ सुनो, देश की पुकार सुनो..
बिलखते अलाप सा, हिंदुस्तान का राग सुनो..
आंसू इसके पोंछ दो, इसको कोई सहारा दो,
अरे कोई तो खड़ा हो, अरे कोई तो दहाड़ दो.. कोई तो दहाड़ दो..!!

भ्रष्ट ये इंसान है, नष्ट नेताचार है,
महाकाल के देश में, क्यूँ ये भ्रष्टाचार है..
कहाँ गए वो राम-लखन,  इन्हें कोई जनम दो,
अरे दानवों की भीड़ को, अब तो संहार दो.. अब तो संहार दो..!!

दंगे-फसाद में, ज़ख़्मी है इंसानियत,
अबला नारी पे बिगड़ी, आदमी की नीयत..
द्रोपदी की लाज बचाते, कोई कृष्ण को गुहार दो,
प्रेम-नैय्या थाम कर, अब जगत को उद्धार दो.. जगत को उद्धार दो..!!

धमाको से सुन्न ये कैसा अन्धकार है,
आतंकवाद की आग में, मच रहा हाहाकार है..
कहाँ है वो यीशु, कहाँ गए पैगम्बर वो,
शांति सन्देश फूंक कर, हमें अमन-चैन दो.. हमें अमन-चैन दो..!!

भूख ने मार दी, देशभक्ति की भावना,
कब तक जिंदा रहती, रोटी की कामना..
न्याय की मूर्ती, न देख पाती तराजू उसका,
कोई पट्टी उतार के, देख के इन्साफ करो, देख के इन्साफ करो..!!

‘इनक्रेडिबल इंडिया’ का तमगा, लगाये हम घूमते है,
महंगाई की मार से, तड़प-तड़प के झूझते है..
परदे पर सतरंगी दिखता, भारत कितना महान है,
चश्मा पोंछ के देखो, धुंधला ये  जहान है.. धुंधला ये  जहान है..!!

Sunday, August 7, 2011

मैत्री..





वो भीनी भीनी सी यादें..
दिल-ओ-दिमाग में महकती सी..
बरबस उस ओर मुझे खींचे ले चले,
जहाँ जुगनुओं के टिमटिमाते से, है चिरागों की रोशनी..
उन चिरागों में, जिन्नी नहीं मेरा मित्र रहता है..
उन शामियानों में, कोई अनजाना नहीं मेरा यार रहता है..
वो खामोश सी खुशबू के, होंट छूती तितली सा,
वो पत्तो कि ओंट में, छुपी हुई कलि सा.. 
जो अंगुलियाँ उठ जाती है मुझ पर,
उन्ही अँगुलियों से राह दिखाते राही सा..
वो सूरज की किरण सा दमकता,
वो सुबह की नम आब सा बहकता,
जब दिलों में खून उबलता था,
ठन्डे चिथड़ों सी उसकी बाते बतलाता..
कड़वी बातों की चुभन से परेशान मैं,
तेरी बातों की गुदगुदी से हैरान मैं..
मेरी तन्हाई में मेरे संग बैठ तू,
मुझे ज़रा उठने में सहारा दे तू...!!

Friday, April 29, 2011

तुम और मैं..



कुछ दिन बनो मेरी आँखों की पलक,
                                                      फिर अगर ख्वाब हो जाओ तो क्या..
कभी बन जाओ मेरी चाहत का फलक, 
                                                      फिर अगर सितारा हो जाओ तो क्या..
चाँद बदलता है, सितारे बदल जाते है,
                                                      कहने को तो सूरज भी बदल जाता है,
दुनिया जैसी ही है तुम्हारी भी झलक,
                                                      फिर अगर तुमसे आस लगाऊ तो क्या...
कुछ दिन बनो मेरी आँखों की पलक,
                                                      फिर अगर ख्वाब हो जाओ तो क्या...!!


मैं तन्हा था, मैं तन्हा हूँ, 
                                   तुम आ जाओ तो मैं आबाद, ना आओ तो मैं क्या..
तुम इत्र हो, तुम महक हो,
                                   तुम आ जाओ तो मैं गुलाब, ना आओ तो मैं क्या..
मेरे दिल के दिए की रोशनी तुम,
                                   मेरी ज़िन्दगी का आफताब हो तुम,
जब देखने वाला ही कोई नहीं, 
                                   डूब जाओ तो क्या, बुझ जाओ तो क्या...
कुछ दिन बनो मेरी आँखों की पलक,
                                   फिर अगर ख्वाब हो जाओ तो क्या...!!

Tuesday, March 8, 2011

एक दुआ ऐसी भी..




ऐ बदनसीब मेरी दुआ से तुझे भी किसी से इश्क हो जाये..
तू प्यार में पागल हो और फिर उस से जुदा हो जाये..
आँखों में हरदम आंसू हो और लबों पर मायूसी आ जाये..
मोहब्बत में तड़पना क्या है.. शायद तुझे समझ में आ जाये...
ऐ बदनसीब मेरी दुआ से तुझे भी किसी से इश्क हो जाये...!!

जब भी तू अपनी चाहत को बीच राह पर देखे,
वो तुझे देखे और फिर अनदेखा कर जाये..
बैचेनी कुछ ऐसी हो कि तू मिलने की हरदम चाह करे,
तू उसके घर की ओर रुख करे और रास्ते भी बदल जाये..
मोहब्बत में तड़पना क्या है.. शायद तुझे समझ में आ जाये...
ऐ बदनसीब मेरी दुआ से तुझे भी किसी से इश्क हो जाये...!!

तेरे  सारे खयाली अरमान टूट कर इस कदर से बिखरे कि,
तू शहर-शहर फिरती हुई उन्हें आँचल में चुनती जाये..
तुझे पहले इश्क हो फिर यकीन हो कि ये मोहब्बत क्या है??
मैं कहता फिरू कि इश्क ढोंग है और तू नहीं-नहीं कहती जाये..
मोहब्बत में तड़पना क्या है.. शायद तुझे समझ में आ जाये...
ऐ बदनसीब मेरी दुआ से तुझे भी किसी से इश्क हो जाये...!!