कुछ बातें जो कभी राह चलते तो कभी तन्हा बैठे दिल में घुमड़ती रहती है.. जब भी मन करता है अपनी कलम से कोरे कागज़ को रंगना शुरू कर देता हूँ... ऐसे में ही कभी अपनों की तो कभी अनजानी प्रशंसा ने इतना विवश किया कि ये सब blog के माध्यम से आपके सामने चित्रित हो खड़ी है...