Friday, September 7, 2012

ख्वाब-1

ख्वाब में आज तुम्हे
झील के किनारे देखा..
सुबह की ओंस से भीगे बाल,
तुम्हे परेशान कर रहे थे..
और तुम खीज कर 
अपनी अँगुलियों से उन्हें
करीने से कान के पीछे टांग देती..
फिर एक और हवा का झोंका आया
और तुम इधर-उधर जूडा खोजने लगी..!!

ब्रश करते हुए सोच रहा था,
तुम रोज ख्वाबों में क्यूँ नहीं आती...!!!

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