Thursday, February 14, 2013

ख्वाब -2

ख्वाब में आज तुम्हे
बस स्टॉप पे खड़े देखा..
बार बार घडी को देखती
शायद सुइयों को कोस रही थी..!
तुम खीझ कर अपना हाथ
नीचे झिड़क देती
और चूड़ियाँ खनखना उठती..!!
फिर तुम इधर उधर देखती..
अंततः हमारी नज़रें मिली.
घूर कर तुमने नज़रें फेर ली...!!!

ब्रश करते हुए मैं सोच रहा था,
अगर तुम मुस्कुरा देती तो क्या होता??

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