Monday, February 8, 2010

A Wedding Wish for "RAINA DIDI" :- "दुल्हन"




झरने जैसी खिलखिलाती हंसी, आज खामोश सी है,
लोगों की भीडभाड़ से दूर, वो सहमी सी है..
आज तक जिन हाथों ने, इस घर को सजाया था,
देखो उसके हाथों में, आज मेहंदी सजी है...

सखियाँ उस दुल्हन को, गहनों से छुपा रही है,
वो आईने में बैठ कर, खुद को निहार रही है..
नथ और झुमकों से दमकता, चेहरा भी आज चाँद बना है,
"रैना" अपने झील से नैना, काज़ल से बाँध रही है...

बचपन से संजोये थे, किसी राजकुमार के सपने,
वो संग उसी के, नयी दुनिया बसाने जा रही है..
सात जन्मो का रिश्ता, उस से बाँध कर,
वो बाबुल का घर, छोड़कर जा रही है...

जश्न के इस मौके पर, सजदा मकबूल-ऐ-खुदा हो जाये,
सबकी दुआओं को, रब की रजा हो जाये..
मिले दामन में इतनी खुशियाँ कि,
हजारों साल तक गम तुझसे खफा हो जाये..



मुस्कान का ये अधुरा चाँद, हमेशा मुखड़े पर सजा रहे,
इस चाँद को रोशनी देने वाला, सूरज सदा साथ रहे,
सात फेरे ले वो, डोली कि ओर बढ़ चली है,
अपने घर से विदा हो, वो ससुराल चल पड़ी है...!!

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