जन्मदिन से एक दिन पहले ही तोहफा कबूल कीजियेगा...
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं...
"अंगडाई लेने से लेकर, शाम को लौटते बुझते,
सूरज की रंगीन रौशनी, आपकी ज़िन्दगी में इस कदर आये,
कि चुंधियाती आँखों पर, ढके हुए परदे रुपी,
पलकें जब ऊपर उठे, तो हसीन दुनिया की वो तस्वीर आपको नीगेबान हो..
कि देखकर शशि समान मुखड़े पर, अक्षय तृतीया के चाँद के माफिक, मुस्कराहट का आगाज़ हो..
जब धरा पर अपने पैर रखो, तो कुदरत के बनाये तमाम लाल फूल,
सेज बनकर आपके क़दमों की खिदमत में न्योछावर हो..
झपकियाँ लेती, खुली-उलझी जुल्फों को सुलझाने के लिए,
भीनी-भीनी सी महकती हवाएं आतुर हो..
जब कुछ कहने लगो तो सातों सुर, कल-कल से बहते झरने में गोते लगाते हुए,
कूकती कोयल से राग चुरा और माँ शारदा की वीणा से तान छेड़ आपके समक्ष खड़े हो...!!"
Grt...maxxxx....very grt b'day present...Awesum
ReplyDeletegreat one :)
ReplyDeleteaapki hindi ki vocabulary aasmaa ki uchaaiyo ko iskadar chu rahi hai ki ab to aap ki kavitaaye meri samajh se dhire dhire pare ho rahi hi,pataa nhi Sunidhiji samajh paayengi ki nhi,phir bhi aapki jo bhaavnaa is kavita me umdi hai uska ehsaas hai mujhe,aapki kavitaa jarur hi "prasanshniy" yogy hai......
ReplyDeletedat was gud....
ReplyDeletepar bhai ye toh bata ki kavita likhna kab se start kiya tune....
kavi sammelan mein part zarur se liya kar, pakka jitega...:)